अब वो भिखारी भी माँ के बालों को पकड़कर खूब ज़ोर लगा रहा था. अब माँ को बार-बार उबकाइयाँ आ रही थी और उनके छोटे से मुँह से थूक नीचे टपक रहा था और कुछ उनके बूब्स के बीच की दरार में गायब हो रहा था. फिर माँ एकदम से खड़ी हुई और उसे डाँटने लगी कि आवाज़ मत करो वरना पुलिस को पकड़वा दूँगी और फिर से उसके लंड पर अपने प्यारे भरे हुए होंठ लगाकर चूसने लगी.
अब उस भिखारी के लंड पर उनकी पिंक लिपस्टिक लग गयी थी और उस भिखारी का लंड काला और काफ़ी मोटा था. आज भी उसका लंड मुझे करीब 8 इंच का लगता है. अब माँ सिसकारियां भरते हुए भिखारी का लंड चूस रही थी. अब में भी सोच में पड़ गया कि ये सब हो क्या रहा है? अब मेरे मन में हजारों सवाल खड़े हो गये थे और पता नहीं कब अपने आप ही मेरा हाथ मेरी लुल्ली के ऊपर की खाल को खुजाने लगा. अब वो भिखारी हर थोड़ी देर में आउट ऑफ कंट्रोल हो जाता और अपना लंड पूरा अंदर घुसाकर माँ का दम घोटने लगता और उनके मुँह को ज़ोर-ज़ोर चोदता. फिर माँ ने कुछ मिनट तक उसका लंड चूसा और उसको पूछा.
माँ : कितना मज़ा आया तुम्हें?
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फिर भिखारी ने अपनी अजीबो ग़रीब से ढंग से बताया कि बहुत मज़ा आया.
फिर माँ ने उसे समझाया कि अब और भी मज़ा आएगा, लेकिन मेरी बात मानते रहना.
माँ : देखो तुम्हें पुलिस ढूंढ रही है ठीक है, में तुम्हारी दोस्त हूँ ना, तुम्हें मज़े दे रही हूँ, अब में जैसा कहूँ करते रहो तभी पुलिस वालों से बच पाओगे.
भिखारी : मज़े दो हाँ हाँ.
फिर माँ ने अपनी साड़ी को एक हाथ से ऊपर उठाकर और दूसरे से हाथ को दिवार पर लगाकर झुक गयी और अपने पीछे उस भिखारी को खड़ा कर दिया. अब उस भिखारी का लंड हवा में ऊपर नीचे झूल रहा था और इतना फूल गया था कि फटने को हो रहा था. अब भिखारी के लंड पर माँ का थूक लगने से वो पीली लाईट में चमक रहा था.
माँ : तुम्हें पता है ना क्या करना है? और माँ ने उस भिखारी का लंड पकड़कर अपनी चूत पर लगाया.
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भिखारी : हाँ में जानता हूँ.
लेकिन भिखारी पहले से ही तैयार था तो उसने लंड को चूत पर रखते ही झटके मारने चालू कर दिए. अब पहले झटके में ही माँ उछल पड़ी, अब उनके मुँह से लंबी सिसकारी निकल पड़ी और उन्होंने अपने चूतड़ भींच लिए.
माँ : अरे ये क्या कर रहे हो? पुलिस आ जाएगी, धीरे-धीरे करो बहुत अच्छा लगेगा. फिर उन्होंने उसका लंड अपनी चूत में खुद डाला.
माँ : अभी हिलना मत में पीछे हिलूंगी, फिर तुम धीरे-धीरे हिलना.
फिर भिखारी का लंड माँ की चूत में गया और माँ धीरे-धीरे करके पीछे होने लगी और अपने मोटे, गोरे चूतड़ आगे पीछे करके भिखारी को अपने शरीर में घुसाने लगी. फिर वो भिखारी थोड़ी देर में फिर से पागल हो गया और अपने पूरे जोश में आकर उनके चूतड़ पर अपनी कमर से थप्पड़ मारने लगा. अब माँ की ऐसी पिटाई देखकर तो मुझे भी जोश आ रहा था.
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अब माँ को मज़ा भी आ रहा था और दर्द भी हो रहा था. अब जब उन्हें मज़ा आता तो वो म्म्म्मम करते हुए खुद अपनी कमर हिलाने लगती और जब दर्द होता तो सिसकारी भरकर दबी-दबी आवाज़ में ईईक की आवाज़ निकाल देती.
अब माँ ने करीब 10 मिनट तक भिखारी के लंड से मार खाई. अब जब भिखारी का निकलने वाला था तो वो ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगा और अया अया करने लगा. फिर माँ ने इस बार उसे कुछ नहीं कहा और आगे होकर उसका लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, ताकि उनके पागल बूढ़े भिखारी के बच्चे की माँ ना बनना पड़े, लेकिन भिखारी ज़बरदस्ती माँ की चूत मारता जा रहा था, फिर माँ ने बड़ी मुश्किल से उसका लंड अपने हाथ से पकड़कर खींचा और हाथ से हिलाने लगी. उसका लंड इतना लंबा था कि माँ के एक हाथ से हिलाकर ऊपर से नीचे करने में लंड की खाल को काफ़ी टाईम लग रहा था.
अब भिखारी का क्लाइमैक्स माँ ने बर्बाद कर दिया था, तो भिखारी को गुस्सा आ गया और उसने माँ के मुँह में अपना लंड घुसा दिया और अपने दोनों हाथों से उनके बाल पकड़कर बहुत तेज़-तेज़ उनके मुँह की चुदाई की. अब माँ को काफ़ी उबकाई आ रही थी, लेकिन वो माँ को छोड़ ही नहीं रहा था.
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फिर कुछ ही सेकेंड के बाद माँ की साँसे घुटने लगी और वो भिखारी को हटाने लगी, लेकिन अब वो भिखारी मस्त हो गया था और अब उसे कोई नहीं रोक सकता था. फिर उस भिखारी ने उनके गले में करीब 5 मिनट के बाद अपना गाढ़ा सफेद माल छोड़ दिया, जिसके निकलते ही माँ को खांसी आ गयी, लेकिन कुछ गाढ़ा माल माँ की नाक से बाहर बहने लगा.
फिर माँ ने भिखारी का लंड अपने मुँह से बाहर निकाल दिया और अपने मुँह से उसका माल बाहर थूक दिया. उस भिखारी ने खूब सारा माल माँ के मुँह में डाला था, फिर माँ अपना सिर पकड़े थोड़ी देर तक वैसे ही झुकी रही. फिर थोड़ी देर में माँ ठीक हो गयी और उस भिखारी को समझाया.
माँ : ऐसे ज़बरदस्ती नहीं करते, अब देखो पुलिस वाले बाहर ही है, में जाती हूँ और देखकर आती हूँ कि कोई है तो नहीं, तब तक यहाँ से बाहर मत जाना.
फिर उस भिखारी ने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी. फिर माँ ने अपने कपड़े ठीक किए और बाल बाँधे और अपने मुँह को रुमाल से साफ किया. फिर जैसे ही माँ बाहर आने वाली थी, तो में लेट्रीन का दरवाज़ा खोलकर वहाँ से भाग आया. फिर अब में सामान के पास पहुँचा और अब मेरी चड्डी भी गीली हो गयी थी.
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मेरा भी पहली बार निकल गया था. उस दिन से आज तक ना तो कोई ब्लू फिल्म और ना ही कोई चुदाई ऐसी देखी है, जिसमें मेरा लंड इतना कड़क हुआ है और ना ही मेरी दिल की धड़कन कभी इतनी तेज़ हुई है.