रस निकाल दो मेरी चूत का। मुझे बहुत खुजली हो रही है चूत में। आज इसे बुझा दो”
इतना सुनते ही अनूप ने अपना मुह उसकी चूट पर लगाकर चाटने लगा। कुत्ता जैसे अपने मालिक को चाटता है वैसे ही उसने अपना जीभ लगाकर उसकी चूत को नीचे से ऊपर तक चाट रहा था। वो उसका सर अपनी चूत में दबा कर “आआआअह्हह्हह… ईईईईईईई.. ओह्ह्ह्.. अई. . अई.. अई… अई.. मम्मी..” की आवाज निकाल रही थी। सुलोचना की जोशीली आवाज को सुनकर वो और जोर जोर से चाट रहा था। ये सब देखकर मेरा दिमाग खराब हो गया था। मैं किसी तरह से खुद को रोक रखा था। दोस्तों कभी आप सोचो आपकी बीबी किसी गैर मर्द के साथ इस तरह कर रही हो तो आप को कैसा लगेगा। मै भी बहुत हिम्मत जुटा के रुका था। अनूप उसकी भोसड़ी का दाना पकड़ कर खींच रहा था। उसकी चूत की नहर में पानी आ गया। अनूप कुत्ते की तरह चाट रहा था।
अपनी जीभ लंबी को उसने मेरी बीबी की चूत में घुसाकर सारा माल अंदर तक साफ़ कर दिया। उसके बाद उसने उसकी टांगों को अच्छे से फैलाकर अपना लंड उसकी छेद पर लगा दिया। धक्का मार कर उसने अपना आधा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। लंड घुसते ही वो जोर से “ओहह्ह्ह .ओह्ह्ह्ह .अह्हह्हह .अई ..अई . .अई . उ उ उ उ उ.” चिल्लाने लगी। उसकी आवाज से पूरा बरामदा गूँज उठा। उसने फिर से जोर का धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चूत को समर्पित कर दिया। सुलोचना की चूत भी पूरा लंड खा गई। वो जोर जोर से धक्का मार कर अपना लंड घुसाकर अंदर बाहर कर रहा था।
वो चिल्लाती लेकिन अनूप भी न सुनकर झटके पर झटका लगा रहा था। उसकी चूत भी दुप दुप हो रही थी। उसका लंड जड़ तक घुसकर उसकी चूत की आज सफाई कर रहा था। चूंचियो को पीते हुए वो कमर उछाल उछाल कर चुदाई कर रहा था। कुछ देर तक सम्भोग करने के बाद उसने सुलोचना को उठाया। उसको दीवाल के सहारे करके एक टांग उठाकर चोदने लगा। उसे भी अब चुदवाने में मजा आ रहा था। सुलोचना को भी “..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ. हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई.अई.अई…” की आवाज के साथ चुदवा रही थी।
इतनी जबरदस्त चुदाई के प्रदर्शन पर तो पुरस्कार देने को मन कर रहा था। मुझे समझ आ गया कि सुबह वो गाना गाकर क्यों खुश हो रही थी। उसके चूत का राजा आज उसे मिलने वाला था। बीबी साहिबा ने झुककर उसका लंड अपनी चूत में डलवा कर सेक्स रही थी। वो भी हचक हचक कर अपना लंड बुर में डाल डाल कर निकाल रहा था। उसकी चूत का तो भरता बन गया। इतनी जोर की चुदाई से वो कई बार झड़ चुकी थी। मेरी बीबी का आशिक अनूप कह रहा था “पहले तो तू ज्यादा देर तक चलती थी। अब तो जल्दी जल्दी पिचकारी छोड़ने लगती है”
बार बार उसके पिचकारी छोड़ने चूत में माल गिरा दिया। अनूप ने अपना लंड निकाला। उसके लंड पे लगा माल टप टप नीचे गिर रहा था। उसने अपना लंड सुलोचना कुतिया के गांड के छेद पर लगा दिया। मलाई लगे लंड को गांड में पेलने लगा। उसका सुपाड़ा धक्का मारते ही अंदर घुस गया। धक्कम धक्का मार कर पूरा लंड उसकी गांड में घुसाकर चुदाई करने लगा। गांड चुदाई करते ही वो जोर से “आऊ… आऊ.. हमममम अहह्ह्ह्हह .सी सी सी सी.. हा हा हा..” की आवाज के साथ गांड हिला हिला कर चुदवा रही थी। बार बार पेलते पेलते वो भी हार गया। अनूप लंड बाहर निकाल कर सोफे पर बैठ गया। अब मेरी बीबी सुलोचना उसके पास आ गयी और गांड की छेद से लंड को सटाकर ऊपर ही बैठ गई। धीरे धीरे करके पूरा लंड गांड में घुसा ली। उसके बाद वो ऊपर नीचे होकर चुदवाने लगी। मूड में आकर खूब जोर जोर से चुदाई करनी शुरू कर दी। उसके आशिक अनूप का लंड भी कुछ ही देर में जवाब देने लगा। वो कहने लगा- “मै छूटने वाला हूँ। बताओ जल्दी कहा माल गिराऊं”
सुनते ही मेरी रंडी बीबी अपनी गांड से उसका लंड निकाल कर अपने मुह में ले ली। अनूप ने उसके मुंह में ही रस छोड़ दिया। दोनों ने आज खूब मजा लूटा। चुदाई करने के बाद दोनो ही थक कर पसीने से भीगे हुए चिपक कर बैठ गए। बच्चो के घर आने से पहले वो चला गया। मैंने शाम को पीछे के दरवाजे से निकल कर शाम को घर आने का नाटक किया। रात में सुलोचना को कई घंटों तक चोद कर खूब रुलाया। मैंने उस दिन दवा खाकर उसे पेला। माल गिरने को रोक रोक कर अपनी छिनाल बीबी को खूब चोदा और बदला ले लिया।