तभी दरवाजे के खटखटाने की आवाज आ रही थी। उसने दौड़ कर जाकर दरवाजा खोला। मैंने उस मर्द को पहली बार देखा था। वो भी उसे ब्रा में देखकर अपना मिसाइल खड़ा कर दिया। उसकी पैंट का तुरंत ही तंबू बन गया। तंबू का बम्बू बहुत ही बड़ा लग रहा था। उसने भी जल्दी से कपड़े उतारे और कच्छे में होकर पास ही रखे सोफे पर बैठ गया। मेरी बीबी उसकी गोद में जाकर बैठ गई। दिल तो करता था अभी दोनों का मर्डर कर डालूं लेकिन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। चुपचाप सारा नजारा देख रहा था।
सुलोचना- “जानू कितना चुभ रहा है तुम्हारा लंड”
अनूप- “तूने दर्शन ही ऐसा करा दिया कि मेरा लंड खड़ा हो गया”
सुलोचना- “काश मै तुम्हारे लंड के साथ रोज खेल पाती”
अनूप- “तेरा पति जान गया तो तेरी गांड फाड़ डालेगा”
सुलोचना- “उसी का तो डर रहता है। नहीं तो मैं तुझसे हर रोज चुदवाती”
अनूप- “मै भी तुझे बहुत दिनों से चोदने को परेशान था। लेकिन मौका ही नहीं मिला”
सुलोचना- “आज मैं भी कई दिनों बाद तुम्हारा लंड खाने जा रही हूँ। बहुत दिन हो गए तुम्हारे लंड के दर्शन को। जल्दी से मुझे अपने बाबा का दर्शन कराओ”
अनूप- “इतनी भी क्या जल्दी है। अभी अभी तो वो गए है, पूरा दिन पड़ा है। आज तो मै तुझे चोद कर अपनी वर्षो की प्यास बुझाऊंगा”
सुलोचना- “तो देर किस बात की मेरे राजा!! आज तुम फाड़ डालो मेरी चूत। ये भी काफी दिनों से लंड की प्यासी है। आज इसे फाड़कर इसका भरता बना डालो”
अनूप- “बहुत दिनों से तुम्हारी चूत को लंड नहीं मिला”
सुलोचना सोफे पर किनारे होते हुए कहने लगी- “हाँ अनूप मेरे और उनके बीच झगड़ा चल रहा है। वो मुझे चोदना तो दूर मेरी तरफ देखते भी नहीं है”
उसने मेरी बीबी को चिपकाते हुए कहा- “कोई बात नहीं आज मै तुम्हारी इस तड़प को मिटाऊंगा। तेरी चूत को मै पुराने दिनों वाली याद दिलाऊंगा। जब मैं पेलता था तो तुम मम्मी मम्मी चिल्लाती थी”
सुलोचना- “अब देर ना करो। तुम्हारा तना लंड देखकर मुझसे रहा नहीं जाता”
इतना कहते ही दोनों एक दूसरे से चिपक गए। मुझे आज सीधा ब्लू फिल्म देखने को मिल रहा था। मै देख देख कर मुठ मार रहा था। दोनों खड़े हो गए। उसका कद मेरी बीबी से कही बड़ा था। उसने मेरी बीबी के चेहरे को उठाया और झुककर किस करने लगा। मेरी बीबी भी अपनी पैरों की अंगुलियों के सहारे लंबी होकर उचक कर किस कर रही थी। क्या नजारा था। कामदेव भी देख कर खुद काम लगा दे। ऐसा किस तो मैंने न किसी मूवी में, न ही किसी ब्लू फिल्म के देखी थी। आज मैं पूरा सीन देखने के लिए व्याकुल हो रहा था। जिसका किस करना इतना जबरदस्त हो वो चुदाई कितनी अच्छी करेगा।
दोनों ने करीब 15 मिनट तक किस किया। बिना रुके इतना लंबा किस किया। दोनों हांफते हुए एक दुसरे की तरफ देख रहे थे। सू ..सू ..सू.. सू .की जोर जोर से साँसे ले रहे थे। दोनों ने फिर से एक बार किस का मजा लिया। इस बार वो चूंचियां दबा दबाकर धीमें धीमे कर रहा था।
चूंचियो को दबाते ही वो “..अई. अई.. अई.. अई.. इसस्स्स्स्स्… उहह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह्हह्ह..” की सिसकारी निकलने लगती। होंठो को काटती हुई वो कस के छिपकली की तरह उसे चिपक रही थी। वो उसकी ब्रा के ऊपर से ही खरबूजों को दबाकर मजा ले रहा था। उसका बड़ा बड़ा खरबूजा भैंस की थन जैसे हिल रहा था। वो भी उसे उछाल उछाल कर आनंद ले रहा था। मुझे भी बड़ी उत्तेजना होने लगी। अभी तक मेरे अंदर भी आग लगी थी। लेकिन वो मेरे मुठ मार के स्खलित होते ही कम हो गई। मै अब सिर्फ उन दोनों को देख कर मजा ले रहा था। सुलोचना नीचे बैठ गई। उसके लम्बे लम्बे रेशमी काले बाल उसकी पीछे गांड तक को ढके हुए था। उसकी बालो को हटाते हुए अनूप उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा।
अब वो उसकी चूंचियो को पीने को तड़पने लगा था। उसकी ब्रा को निकाल कर उसके दोनों खरबूजे जैसे चुच्चो के दर्शन करने के लिए उसे सोफे ओर लिटा दिया। उसकी दोनो बूब्स को हाथो से दबा दबा कर भरता बना रहा था। कुछ ही पलों बाद उसने अपना मुह उसकी निप्पल पर लगाकर दूध निचोड़ कर पीने लगा। उसकी चूंचियो का मजा ले ले कर चुसाई कर रहा था। निप्पल को दांतों से पकड़ कर खींच रहा था। मेरी बीबी सुलोचना अपने आशिक अनूप के सिर को पकड़ कर कहने लगी “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ..अअअअअ..आहा .हा हा हा. क्यों मेरे राजा इतने दिन की तड़प को इन चूंचियो पर क्यूँ निकाल रहे हो?? मेरे राजा अपने मिसाइल को मेरी चूत में छोड़कर दिखाना। इतना कहते ही उसने अपना कच्छा निकाला और फेंक कर कहने लगा- “मेरी जान मिसाइल तैयार है। तुम भी अब मेरी मिसाइल से खेलने को तैयार हो जाओ”
इतना कहकर उसने अपना लंड उसकी मुह पर लगा दिया। उसका लंड वाकई तारीफ़ करने के लायक था। मेरे लंड से भी काफी बडा था। जो कुछ भी कसर मुझसे छूटी थी उसकी चूत का भोषणा बनाने में वो अब पूरी होने वाली थी। सुलोचना अपना मुह अनूप के लंड पर लगाकर आइसक्रीम की तरह चाटने लगी। लंड खड़ा होता जा रहा था और भी भयानक होता जा रहा था। सुलोचना कुछ देर तक उसके लंड को मुठियाते हुए साईकिल की पम्प की तरह चला रही थी। उसका पम्प मोटा होता जा रहा था। दोनो गोलियां झूलती हुई दिखाई दे रही थी। मेरी बीबी ने कुछ देर तक उसके लंड के दोनों रसगुल्लों को भी चूसा। अपनी पैंटी निकाल कर दोनों टांगो को सोफे पर बैठे बैठे ही फैला दी। अनूप उसकी चूत के दर्शन करते ही वो कहने लगा- “पहले से कितनी रसीली चूत हो गई है तेरी बुर। जी करता है इसका सारा रस निचोड़ कर पी लू”
सुलोचना- “पी लो मेरी चूत के राजा!! आज सारा