फिर वो बूढ़ा प्लेटफॉर्म पर आया और अपना सिर खुजाता हुआ लोगों की तरह चला गया, जो कि शेड के नीचे बैठे थे. अब माँ सूटकेस पर बैठी थी और उनके साईड में दो बॉक्स एक के ऊपर एक रखे हुए थे और उसके ऊपर एक छोटा बैग रखा हुआ था, जिसके ऊपर माँ अपना सिर टिकाकर सामने तालाब में नाव देख रही थी. फिर वो भिखारी लोगों के पास वापस आया और अजीबो ग़रीब हरकतें करते हुए जिस रास्ते से आया था वापस चला गया. अब मुझे उससे डर लग रहा था कि कहीं वो मुझे पकड़ तो नहीं लेगा, इसलिए में माँ की तरफ जाने लगा.
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फिर वो पागल भिखारी लोगों से माँगे हुए पैसों से कुछ नमकीन लाया और खाने लगा. अब मेरी नज़र उसी पागल पर टिकी हुई थी, अब पहले शायद उसका ध्यान मेरी माँ की तरफ नहीं गया था. फिर नमकीन खाने के बाद वो भिखारी उठा और माँ के पीछे जाकर खड़ा हो गया और उनको पीछे से ही आँखे मारने लगा और मुझे दिखाकर इशारे कर रहा था कि मस्त माल है.
अब में डरा हुआ था और प्लेटफॉर्म पर बैठकर फूलों से ही पेंटिंग बना रहा था. फिर उस भिखारी ने एकदम से ही ऐसी हरकत की जो कि मैंने पहले कभी नहीं देखी थी. अब वहाँ माँ को छेड़ने और लाईन मारने वालों की कमी नहीं थी, लेकिन जो भिखारी ने किया वो ज़्यादा था. अब वो भिखारी मेरी माँ के पीछे खड़ा था और अपनी बिना चैन वाली पेंट में से अपना बड़ा मोटा लंड निकाल कर हिलाने लगा.
अब वो अपनी कमर हिलाकर उनके सिर को पीछे से चोदने की एक्टिंग करने लगा. अब माँ सामने तालाब को ही देख रही थी या शायद अपनी आँखे बंद करके बैठी थी. फिर वो भिखारी फिर से धीरे-धीरे माँ के सामने आया और अपना लंड बिल्कुल उनके मुँह के पास रखा, लेकिन बिना उनके मुँह पर टच किए, तब पता चला कि वो आँखें बंद करके बैठी है.
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फिर मैंने अपनी पेंट की तरफ देखा तो पाया कि ये देखकर मेरा छोटा सा लंड भी खड़ा हो गया था. फिर में बड़ी ध्यान से देखने लगा कि आगे क्या होता है? फिर उस भिखारी ने अपना लंड उनकी नाक के पास ले जाकर अपने लंड की खाल को पीछे खींचा और जैसे ही उसने ये किया तो माँ ने कुछ मुँह सा बनाया और अपनी आँखे खोलकर देखा.
शायद उस भिखारी के लंड की बदबू इतनी गंदी थी कि उसकी वजह से उनकी आखें खुल गयी थी. अब माँ की आँखे खुलते ही भिखारी ने माँ के बालों को पकड़ा और ज़ोर से अपना लंड उनके पूरे मुँह पर रगड़ दिया और फिर वहाँ से भाग गया और पानी भरने वाले नलों की दिवार के पीछे छुप गया. फिर माँ ने एकदम से अपना मुँह रुमाल से छुपा लिया और फिर तुरंत ही उठ खड़ी हुई और इधर उधर देखने लगी.
अब वो शायद शर्मिंदा हो रही थी कि ये इतने लोगों के सामने क्या हो गया? लेकिन कुछ ही लोगों को पता चल पाया कि भिखारी परेशान कर रहा है, लेकिन शायद ये किसी को पता नहीं चला कि वहाँ असल में हो क्या रहा है? और जिसे भी पता चला वो आपस में मज़ाक करने लगे.
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अब माँ फिर से चुपचाप बैठ गयी और इतने में भिखारी उनके पीछे से फिर आया और उनके गाल पर अपने खड़े लंड से थप्पड़ मारकर भाग गया. अब माँ को शायद गाल पर लग गयी थी, अब वो अपने मुँह को रुमाल से छुपाए सिर अपने हाथों के बीच में झुकाए बैठ गयी थी. फिर में माँ के पास गया और पूछा कि माँ क्या हुआ? तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं आँख में कुछ चला गया है.
फिर उन्होंने पूछा कि तुमने क्या देखा बेटा? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं में तो वहाँ था. फिर मेरी माँ थोड़ी देर में अपना मुँह साफ करने चली गयी. अब माँ का गोरा गुलाबी गाल पूरा लाल हो गया था और उनके गाल पर पड़े निशान को देखकर लग रहा था कि भिखारी का लंड काफ़ी बड़ा था. अब में वहीं बैठा रहा, फिर थोड़ी देर के बाद पीछे से जहाँ पानी भरने की जगह थी वहाँ से कुछ ज़ोर से बात करने की आवाज़ आई, तो मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और सामान की देखभाल करने लगा.
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अब माँ को करीब 5 मिनट हो गये थे और नल बिल्कुल पीछे था तो में देखने के लिए गया कि उन्हें क्या हुआ? और इधर उधर देखता हुआ दबे पाँव गया कहीं भिखारी मुझे पकड़ ना ले. अब वहाँ पानी भरने वाली जगह के साईड में ही टायलेट था और शेड की तरफ से टायलेट बिल्कुल छुपा हुआ था, क्योंकि बीच में नलों की दिवार थी.
अब टायलेट से भिखारी की अया ऊह्ह्ह की आवाज़ आ रही थी तो मुझे लगा कि शायद माँ उसे डांट रही होगी, लेकिन ना जाने क्यों मेरी लुल्ली किस चीज़ की उम्मीद करके खड़ी थी? फिर में 2 मिनट तक ढूंढता ही रहा कि बिना किसी को पता चले में अंदर कैसे देखूं? फिर में प्लेटफॉर्म की आखरी वाली साईड में गया और वहाँ से दीवार के ऊपर से देखा तो अब मुझे आवाज़ और भी साफ सुनाई दे रही थी. अब उस भिखारी के आआया ऊऊऊउह्ह्ह के साथ माँ की भी एम्म और आह्ह्ह्ह पककक्च जैसे आइस क्रीम चूसने जैसी आवाज़ें आ रही थी. फिर में साईड से टायलेट में गया तो वहाँ पाँच पेशाब करने के पोर्ट थे और 3 लेट्रीन थी.
फिर में एक लेट्रीन में घुस गया जिसकी साईड से आवाज़ें आ रही थी और एक पीपे पर पैर रखकर दिवार के ऊपर से देखने लगा. में वो सब देखकर पागल ही हो गया और माँ के मुँह में भिखारी का मोटा लंड था. अब वो भिखारी अपनी पीठ के बल टॉयलेट की दिवार पर खड़ा था और माँ अपनी साड़ी ऊपर किए हुए नीचे झुकी हुई थी और अपनी पतली लंबी गर्दन हिला-हिलाकर उस भिखारी का लंड गीला कर रही है.
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