मेरी बीवी कुसुम को सुल्तान और उसके गैंग ने जमके चोदा

पढ़िए एक धमाकेदार लंड खड़ा कर देने वाली कहानी – मेरी बीवी कुसुम को सुल्तान और उसके गैंग ने जमके चोदा – Hindi Sex stories


हेलो दोस्तों, मेरा नाम प्रकाश है और मैं राय बरेली का रहने वाला हु. मैं एक बैंक में काम करता हु और एक सुन्दर बीवी का शौहर भी हु. हमारी शादी २ साल पहले हु और हमने ये निश्चय किया था के ५ साल तक कोई बच्चा नहीं होने देंगे. सो, हमने नहीं किया था. हमारा सेक्स जीवन, अछा चल रहा था और हम एक दूसरे के प्यार में पागल से थे।

गर्मी के महीनो में कुसुम, मेरी पत्नी ने मुझे कहा के कही घूमने चलते है. मुझे कुछ ज़्यादा काम था नहीं बैंक में सो मैंने भी हाँ कर दी और बैंक से १० दिनों के छुट्टी ले ली. अब हम प्लान बनाने लगे के कहा चला जाये. एकाएक कुसुम ने कहा चालू मुंबई चलते है, वह महाबलेश्वर का नाम सुना है, बहुत सुन्दर जगह है. मैंने भी कंप्यूटर में थोड़ा सर्च किया और वाकई में काफी इंटरेस्टिंग लगा महाबलेश्वर! ये कहानी आप देसिबहु.कॉम पर पढ़ रहे हैं

सो, हमने टिकट्स निकले और पहुंच गया मुम्बई. हमने पहले से हु ट्रेवल एजेंट को कह कर एक कार बुक करवा ली थी. बांद्रा स्टेशन पहुंकते ही, एक ३०-३२ साल का नौजवान लड़का हमे रिसीव करने आ गाय. उसने आपने नाम बताया वसीम. दिखने में अच्छे घर का लग रहा था. बाद में उसने हमें बताया के वह ट्रेवल एजेंसी में काम करता है और ड्राइवर से मिलवायेगा. तोह हमने अपना सामान समेटा और चल पड़े उसके साथ. बहार आने पर हमने टैक्सी ले और कुर्ला आ गये. वहा वह हमे अपने ऑफिस ले गया जो शायद रेलवे स्टेशन के पास ही था क्योकि हमे ट्रैन के आवाज़ सुनाई दे ताहि थी. खैर, कुछ देर बैठने आर चाय पीना के बाद, वसीम ने हमें बहार आने का इशारा किया. बाहर आने पे हमने एक इन्नोवा देखी और एक ४० साल का अधेड़ आदमी वसीम से कुछ बात कर रहा था. वसीम ने परिचय करवाय. उसका नाम सुल्तान था. वसीम ने बताया के सुल्तान हमे महाबलेश्वर के सैर करायेगा। हम खुश हुए. कुसुम बहुत खुश थी के अब हम माबलेश्वर के लिए निकलेंगे. सुल्तान ने दरवाज़ा खोला और हमें बैठने को कहा, और खुद ऑफिस से हमारा सामान लाकर गाडी में लादने लग.

करीब ३० मिनट में हम चल दिया. कुसुम और मैं पीछे बैठे थे , एक दूसरे को चिपके हुए. मुंबई का नज़ारा ही कुछ और था. करीब १ घंटे बाद हम वाशी पहुंच गए, सुल्तान ने गाडी एक मार्किट के तरफ घुमा दी, मैं रूट पर नज़र रखे हुए था.

मैंने उसको पुछा ” क्या हुआ? यहाँ क्यों जा रहे हो?”

सुल्तान मुड़ा और बोला ” साहब , गाडी में आयल कम है, वह ले लेता हु ”

मैने उसको ले लेने को कहा और कुसुम और मैं यहाँ वहां की बातें करने लगे.

कुछ देर में सुल्तान वापस आया और बैठ गया, जैसे ही वह बैठा, एक और आदमी, लगभग सुल्तान के उम्र का आके, आगे वाले सीट पर बैठ गया. मुझे गुस्सा आ गया, मैंने सुल्तान को पुछा के ये कौन है, तोह उसने कहा के महाबलेश्वर काफी दूर है, सो अकेला आदमी पूरी रात गाडी नहीं चला पायेगा, इसलिए एक और ड्राइवर ले लिया है ताकि आप टाइम पर महाबलेश्वर पहुंच जाओ. ये कहानी आप देसिबहु.कॉम पर पढ़ रहे हैं

मैं कुछ बोलने वाला था तभी कुसुम ने रोक दिए और कहने लगी, जाने दो, हमारा टाइम बचेगा और जल्दी पहुंच भी जाएंगे.\ मैंने सोचा, सही कह रही है कुसुम. और गाडी चल पडी..

शाम होने लगी थी और हम थक गए थे , सो हमने थोड़ा अपने आप को एक दूसरे से सताया, चादर ओढ़ी और सो गये. गाडी अपने स्पीड में चल रही और बीच बीच में मैं चेक कर लेता था के हम सही रास्ते पे है या नही.

रात में हम पंचगनी पहुंच गए, मेरी नीड अभी पूरी तरह हुई नहीं थि. कुसुम एकदम बेसुद्भ थी नींद के वजह से. हमारी गाडी रुकी थी एक पार्किंग स्पॉट पे, मैं बहार निकला और सुल्तान को ढूढ़ने लगा. थोड़ा आगे छलके आने पर देखा के सुल्तान और वह दूसरा ड्राइवर कुछ लोगो के साथ बातें कर रहे थे, मैं आवाज़ लगायी, “सुल्तान, क्या हुआ? हम यहाँ क्यों रुके है?

वह मेरी तरफ बढ़ते बढ़ते बोला ” सबह, आगे रोड पे पत्थर गिरा है, सुबह एक एक्सीडेंट हुआ था इसके वजह से, सो मैं देख रहा था के कोई और जगह मेलिगी रुकने के लिए. मैंने उसको कहा के जल्दी जुगाड़ करे और चले, यहाँ रोड पे ऐसे खड़े रहने से कही रात रुक जाना बेहतर होग.

मैं वापस गाडी में आया और बैठ गाया. मैंने देखा के सुल्तान वापस उन लोगो से बातें करने लगा. कुछ देर बाद, उन लोगो में से २, एक बाइक पे बैठ कर एक तरफ चल दिए, २-३ और जो खड़े थे, वह राइट साइड में एक तरफ चलने लगे. सुल्तान और उसका साथी भी वापस आ गया और गाडी स्टार्ट हुई. मैंने पुछा, ” क्या जुगाड़ हुआ?”

उसने मुस्कुराते हु कहा, यही पास में एक बंगला है, किसी बिजनेसमैन का, खली है, एक रात रुकने का ५०० माँग रहे है, मैंने सोचा इतना महंगा भी नहीं है. मैंने फिर सुल्तान को कहा चलो, वही रुकते है. ये कहानी आप देसिबहु.कॉम पर पढ़ रहे हैं

गाडी चल पड़ी, और राइट मुड़ी, मैंने देखा के वह २-३ लोग जो चल रहे थे, एक बंगला में सामने रुके है, बाहर एक आदमी उनसे बात कर रहा था. उसने हमे गाडी अंदर पार्क करने का इशारा किया और खुद भी चल दिया. और वह बाकी के लोग कही और चल दिए।

पार्क होने के बाद, मैंने कुसुम को जगाया और सारी बात बतायी. उसने कहा, चलो रात बिताने के लिए कुछ तोह मिल. और हम अंदर चले गये. सामान अंदर रखने के बाद, सुल्तान के पुछा के कुछ खाने को चाहिए तोह वह होटल से ला देग. मैंने उसको १००० रूपए दिया और खाना लेन को कह दिया. बंगले का देख रेख करने वाला अपने कमरे में चला गया था. जाने के पहले उसने हमे कमरा दिखा दिया था. कमरे पे पहुंच कर हम रिलैक्स हुए और लेट गये. कुसुम ने कहा के वह नह कर आती और और मैं भी फ्रेश होना कमरे का बहार वाले बाथरूम में चला गाया।

फ्रेश होकर मैं बाहर आया और जैसे ही कमरे में जाने लगा, तोह कुछ आवाज़े सुनी , झाँक कर देखा तोह सुल्तान और उसका साथी कमरे में था, कुसुम अभी नह रही थी शायद, सुल्तान किसी से धीरे धीरे बात कर रहा था, शायद कोई और भी था वह, इन दोनों के अलवा. ये कहानी आप देसिबहु.कॉम पर पढ़ रहे हैं

तभी, सुल्तान बोला ” यार, ये लड़की, कमाल की है, जब से इससे देखा है, मेरा लंड खड़ा है ”

इतना कहते ही उसने अपनी पैंट उतार दी, साले ने अंदर कुछ पहना ही नहीं था, उसका लामा काल मोटा लंड बहार लपक के आया , सुल्तान उसे हिलाते हु बोला ” आज मस्त चूत मारने का चांस मिला है, सब मिल के इसके चूत को खा जाएंगे” और सबने हाँ कर दि.

मैंने सोचा के कुसुम का आज बलात्कार होगा, वह भी इन बदबूदार लंड वालो से. मेरा अंदर का कीड़ा जाग गया, मैंने सोचा देखते है क्या होता है.

और मैं बंगले के बाहर आ गया/ मैं उस कमरे के अंदर झाकने के का रास्ता ढूंढने लग. थोड़ा पीछे जाने पर मुझे एक खिड़की दिखी , अंदर देखा तोह मेरी बीवी, कुसुम, नंगी नहा रही थी, खिड़की खुली थी और उसको कोई परवाह नहीं था उस्का. वो मज़े से नहा रही थी और बाहर कमरे में कई लंड उसका इंतज़ार कर रहे थे !

आगे के कहानी अगले अंक मे.  (ज़रूर पढ़िए – कुसुम चुदि सुल्तान और उसकी गैंग से – भाग २ )